सूरज की रोशनी में काम करने से इस बीमारी का बना रहेगा खतरा
सेहतराग टीम
अगर आप सूरज की तेज रोशनी में काम करते हैं तो सूरज की रोशनी के अनुपात के हिसाब से आपके त्वचार कैंसर का शिकार होने का खतरा बढ़ जाता है। आप सूर्य के जितने ही करीब जाते हैं और जितनी अधिक देर तक इस रोशनी में रहते हैं उसी पर इस बीमारी की चपेट में आने का जोखिम निर्भर करता है। अलग - अलग तरह के व्यवसायों से जुड़े एवं सूरज की रोशनी में काम करने वाले लोगों को गैर - मेलेनोमा कैंसर (एनएमएससी) होने के विभिन्न तरह के खतरे रहते हैं। दुनिया भर में होने वाले कैंसरों में यह बेहद आम कैंसर है।
पत्रिका ‘ यूरोपीय एकेडमी ऑफ डार्मेटोलॉजी और वेनेरोलॉजी ’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार शोधकर्ताओं का कहना है कि एनएमएससी होने के प्रमुख जोखिमों में से एक सौर पराबैंगनी विकिरण है।
जर्मनी की ‘ टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्युनिक ’ के एलेक्जेंडर जिंक ने कहा, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि भौगोलिक ऊंचाई और सूरज की रोशनी में काम करने के घंटों से अंतर आता है। इसी के अनुसार आपको धूप से अपनी त्वचा के बचाव के लिए उपाय करने होंगे।’
ये अध्ययन 563 लोगों (47 प्रतिशत महिलाएं) पर किया गया। इसमें 348 लोग सूरज की रोशनी में काम करते थे (39 प्रतिशत किसान, 35 प्रतिशत माली और 26 प्रतिशत पर्वत गाइड) और 215 छत के नीचे रहकर किये जाने वाले व्यवसायों में संलग्न थे। इसमें से 33.3 प्रतिशत पर्वत गाइड, 27.4 प्रतिशत किसान, 19.5 प्रतिशत माली और 5.6 प्रतिशत इनडोर कार्यों में संलग्न एनएमएससी से पीड़ित पाए गए। यानी ये स्पष्ट है कि सूर्य की रोशनी और इस बीमारी के बीच सीधा संबंध है।
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